Friday, August 15, 2008

संदिग्ध शाहरुख!


वंशवृक्ष के हिसाब से तो वे पेशावर के पठान हैं, मगर अपने फिल्मी दोस्तों के बीच शाहरुख खान खुद को 'दिल्ली का गुंडा' बताते हैं। यह हंसी-मजाक में होता है। इसी हंसी-मजाक में ही उन्होंने कुछ समय पहले, आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट में अपनी कोलकाता टीम का एक विज्ञापन बनवाया था। जिसमें उन्होंने अपने खिलाडिय़ों को 'गुंडा' बताया था। सवाल किया था कि कौन कराएगा इन विलेंस का मिलन? गौर करें कि इधर जाने-अनजाने ही शाहरुख की छवि बदल गई है। वे एक नर्मदिल प्रेमी, आज्ञाकारी और आदर्शवादी युवा के विपरीत आक्रामकता का दूसरा नाम हो गए हैं। चाहे संतोष धन को चुनौती देता हुआ '...और विश करो' का पाठ पढ़ाता शाहरुख हो या फिर 'ओम शांति ओम' की मार्केटिंग करता हुआ प्रोड्यूसर शाहरुख। अब शाहरुख घरेलू चेहरे के रूप में नजर नहीं आते, बल्कि उस बाजार के हिस्से के रूप में दिखते हैं जो आपके घर में आक्रामक ढंग से घुस कर हर पल जबर्दस्ती कुछ बेचना चाहता है। क्या शाहरुख ने अपनी 'जेंटिलमैन' छवि खो दी है? वह छवि, जिसमें बच्चों से बूढ़े तक सब उनको प्यार कर सकते हैं। उन पर भरोसा कर सकते हैं। कुछेक महीनों पहले तक शाहरुख बहुत ही विनम्र और घरेलू इनसान की तरह नजर आते थे। परंतु पिछले कुछ समय से शाहरुख की आक्रामकता उनकी इस छवि पर हावी हो गई है। अब वे उतने 'दिलवाले' नहीं दिखते जितने कभी नजर आया करते थे। चेहरा गवाही देता है! साफ हो चुका है कि शाहरुख की लोकप्रियता को पहले बाजार ने अपनाया, जैसा कि वह हर लोकप्रिय व्यक्ति को अपनाता है। मगर बाद में शाहरुख ने बाजार की आक्रामकता को अपना लिया। परंतु इस आदान-प्रदान से शाहरुख नुकसान में नजर आ रहे हैं। उनका भोलापन (जिसके लिए उन्हें लोगों ने 'डर' और 'बाजीगर' जैसी फिल्में करने के बावजूद प्यार दिया) खो गया है। उनकी घरेलू छवि खंडित हो रही है। नंबर 1 पर बने रहने की जिद में, खुद फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों के लिए वे संदिग्ध हो गए हैं। कभी उनकी छवि प्यार से बुजुर्गों को जीतने वाले युवा की थी (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, परदेस, मोहब्बतें)। परंतु अब वे अमिताभ बच्चन के साथ अपने प्रतिद्वंद्विता के लिए याद किए जाते हैं। बिग बी जब आरोप लगाते हैं कि कोई उनके अनफॉरगेटेबल वल्र्ड टूर को नुकसान पहुंचाना चाहता है, तो उंगलियां शाहरुख की तरफ भी उठती हैं। सलमान खान ने कभी पुरान झगड़ा भूल कर शाहरुख को फराह खान की डांस पार्टी में गले लगाया था, परंतु सलमान की गर्लफ्रेंड कैटरीना की जन्मदिन पार्टी में सलमान से झगड़े में शाहरुख का नाम आता है। अक्षय कुमार जैसा ऐक्टर यह आरोप लगात है कि एक सीनियर अभिनेता उनके उठते करियर ग्राफ से जल कर उनके बारे में उल्टी सीधी अफवाहें फैला रहा है, तब इशारों में लोग इंडस्ट्री के 'बादशाह' की ओर संकेत करते हैं। शाहरुख की प्रोड्यूस की हुई फिल्म में जब पूरी इंडस्ट्री के सितारे नाचते हैं, तो ऋतिक रोशन खुद को दूर रखते हैं, तो इसके लिए अतीत की प्रतिद्विंद्विता के पन्ने सामने आते हैं। जिसमें शाहरुख के मन की कड़वाहट दबी है। यह आक्रामकता शाहरुख को कहां ले जाएगी... यह शाहरुख भी नहीं जानते। परंतु शाहरुख के लिए यह महत्वपूर्ण समय है कि वे खुद तय करें, इतिहास में वे कैसे याद किया जाना चाहते हैं? एक विनम्र, दिलदार, हर दिल अजीज चेहरा या फिर आक्रामक, बेचैन और गलाकाट प्रतिस्पद्र्धा में किसी का भी विश्वास हासिल न कर पाने वाला बाजार की ताकतों का मोहरा!

2 comments:

cartoonist ABHISHEK said...

bahut badiya..
ab ese blogvaani par dalne
ke baare men gambheer ho jaya jaye.....
filisteenee kavi MAHMOOD DARVESH ki kavita tumhe de raha hun...
"दर्ज करें!
मैं एक अरब हूं
मेरा नाम तो है पर इसके साथ उपनाम नहीं
ऐसे देश में बीमार की तरह पड़ा हूं
जहां लोग-बाग उजाड़े जा रहे हैं
और मेरी जड़ें तो खोद डाली गई थीं
समय की उत्पत्ति से और युगों के प्रारंभ से भी पहले
चीड़ व जैतून के पेड़ों
और घास के उगने से भी पहले
मेरे पिता किसी मशहूर ऊंचे खानदान से नहीं
बल्कि हलवाहों के खानदान के थे
और मेरे दादा...थे एक किसान
न ही उनका खानदान ऊंचा था, न ही परवरिश...
उन्होंने मुझे सिखाया सूरज का स्वाभिमान
पढ़ाने-लिखाने से भी पहले
मेरा घरकिसी चौकीदार की मचान जैसा है
घास-फूस और डंठल से बना हुआ-
आप मेरे रहन-सहन से संतुष्ट हैं क्या?


मेरा नाम तो है इसके साथ पर उपनाम नहीं है
दर्ज करें!
मैं एक अरब हूं
आपने मेरे पुरखों के बाग-बगीचे पर कब्जा कर लिया है
और वह जमीन भी जिसे मैं जोतता था
बच्चों के साथ मिलकर
हमारे लिए तो कुछ छोड़ा ही नहीं
सिवा इन चट्टानों के....
तो क्या सरकार उनको भी अपने कब्जे में ले लेगी?
बार-बार जैसी कि घोषणा की जाती रही है......."

cartoonist ABHISHEK said...

gulzar ne likha aur jagjeet ne gayaaa....
ना बात पूरी हुई थी कि रात टूट गई
अधूरे ख़ाब की आधी सजा में जीते हैं