Friday, August 22, 2008

दीपिका के लिए कुछ पाठ


करियर की दूसरी फिल्म रिलीज हुई है और दीपिका पादुकोण के दिल से धुआं उठ रहा है। दो कारण हैं। एक तो समीक्षकों ने लिख दिया है कि उन्हें ऐक्टिंग के टे्रनिंग स्कूल में जाना चाहिए। दूसरे दर्शकों ने वह भाव नहीं दिए, जो 'ओम शांति ओम' में दिए थे। दीपिका को तत्काल समझ लेना चाहिए कि 'ओम...' की सफलता उनकी अपनी नहीं थी। उसके पीछे प्रोड्यूसर-स्टार शाहरुख खान और मार्केटिंग के खेल थे, जिन्होंने दीपिका को रातोंरात स्टार बनाया। असली परीक्षा अब शुरू हुई है। ग्लैमर की जो चकाचौंध थी, हालांकि वह यश चोपड़ा बैनर की फिल्म में थोड़ी बहुत अब भी बाकी है। परंतु इतनी चमक-दमक आखिर कितने प्रोड्यूसर मुहैया करा सकते हैं और फिर हर बार शाहरुख तथा चोपड़ाओं के नाम का जादू दीपिका के पक्ष में नहीं खड़ा हो सकता। इंडस्ट्री में माना जाता है कि किसी को भी उसकी पहली फिल्म से मत जांचो। सिनेमा में कुछ भी संभव है। पहली सफलता जादुई भी होती है और कई बार पहले का दबाव काम को खराब कर देता है। अत: अब दीपिका के लिए दूसरी फिल्म से उस द्वंद्व की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें वह अपनी पहली फिल्म के बाद महीनों और सालों से मेहनत कर रही, दूसरी तारिकाओं से अचानक मीलों आगे खड़ी दिख रही थीं।'बचना ऐ हसीनो' की रिलीज के साथ दीपिका एक और मुश्किल का सामना कर रही हैं। वह यह कि लोग उनके बजाय बिपाशा बसु के साथ रणबीर की जोड़ी को पसंद कर रहे हैं। खुद रणबीर फिल्म के प्रमोशन में उछल-उछल कर कह रहे थे कि फिल्म की तीनों हसीनों में से बिपाशा सबसे सेक्सी है। दर्शक-समीक्षक उनकी बात पर मुहर लगा रहे हैं... और दीपिका कुछ नहीं कर पा रहीं। हालांकि इस समस्या का संबंध उनके करियर से भी है, परंतु फिलहाल यह निजी ज्यादा है। रणबीर से दीपिका का प्रेम संबंध किसी से छुपा नहीं है क्योंकि इन दिनों बॉलीवुड में इश्क को छुपाने का चलन नहीं है। वह खुले में है, तो सम्माननीय है। ऐसा माना जाने लगा है। लेकिन ऐसे में एक मुश्किल यह है कि जब कभी संबंध दरकते हैं या उनका ताप कम होता है, तो मीडिया में तीखा तडक़ा लगता है। अत: मीडिया का एक वर्ग यह बात तेजी से उछाल रहा है कि दीपिका के साथ नहीं, बल्कि बिपाशा के साथ रणबीर खूब जमे।दीपिका को एक और पाठ 'बचना ऐ हसीनो' की सीनियर को-स्टार बिपाशा बसु पढ़ा रही हैं। वे खुद सबसे कह रही हैं कि इस फिल्म में सबसे अच्छे मैं और रणबीर लगे हैं। ...इसका मतलब क्या? साफ है कि वे बातों-बातों मे अपने आप को दीपिका-मिनीषा से बढिय़ा बता रही हैं। बिपाशा इस खेल में माहिर हैं। 'अजनबी' से लेकर 'रेस' तक मल्टी-हीरोइनों वाली फिल्मों में वे यह खेलती रही हैं। यही नहीं, हाल के इंटरव्युओं में रणबीर ने साफ कहा है कि मैं शादी उसी लडक़ी से करूंगा, जिससे माता-पिता चाहेंगे। हालांकि इससे दीपिका के लिए उनके पे्रम को कम आंकना जल्दबाजी होगी। परंतु दीपिका के लिए जरूरी है कि वे को इस सिनेमाई दुनिया के खेल में बने रहने के नियम जितनी जल्दी हो सके, सीख ले। यदि दूसरी फिल्म के दौरान मिले सबक से वे कुछ सीख नहीं पाएंगी, तो लंबी रेस में कैसे बनी रह पाएंगी?

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